गुरुवार, अप्रैल 01, 2010

हाथ की रेखायें
हाथ की रेखाओं को देखकर
कई प्रश्न , मेरे विस्तृत मन में
जन्म लेते और दम तोड़ देते
मगर मैं इस उलझन से,
ज्यादा खिलवाड़ न कर सका
जा पहुंचा इक ज्योतिषी के पास
उसने उधर एक-एक रेखा का
गहन परीक्षण आरम्भ किया
इधर मेरी सांसें ........उसके उत्तर की प्रतीक्षा में ......
बड़ी बेचैन कर रही थी मुझे
थोड़ी देर में ही मौन टूटा
ज्योतिषी बोला ........बालक
समस्त रेखायें तेरे उज्वल भविष्य का
संकेत तो करती हैं ....... मगर ?
एक ही वस्तु का अभाव है......... वह क्या ?
मैंने बद-हवासी में पूछा
वो शांत भाव से बोला
बालक ........... कर्म ...........
कर्म नहीं करता तू
कर्म कर ...........प्रयास कर.........
हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी
इन रेखाओं की सार्थकता ...
स्वयं सिद्ध हो जायेगी

विलास पंडित
इंदौर

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