गीत
ये खुशियाँ, ये नग्में सारे, तेरे नाम
शादाँ मौसम चांद सितारे, तेरे नाम
हुक्म तुम्हारा हो जाये तो सारा कुछ
कर जायेंगे हम बंजारे, तेरे नाम
बीच भंवर में जीना हमको आता है
दरिया के फैयाज़ किनारे,तेरे नाम
मेरे बस में होता तो मैं कर देता
दुनिया के पुरकैफ नज़ारे, तेरे नाम
मैं कर बैठा तू न समझा हैरत है
चाहत के कुछ खास इशारे,तेरे नाम
वस्ल के कुछ लम्हात जिन्हें हम कहते हैं
नाज़ुक-नाज़ुक, प्यारे-प्यारे, तेरे नाम
जब तुम हो तो और ज़रुरत क्या मुझको
जो कुछ भी है नाम हमारे ,तेरे नाम
विलास पंडित "मुसाफ़िर"
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